TOP GUIDELINES OF MALKIN KI MALISH

Top Guidelines Of malkin ki malish

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नवजात शिशु की मालिश क्या है बेबी की मसाज करने का सही समय नवजात शिशु की मालिश कब शुरू करें और कितनी बार करें नवजात शिशु की मालिश के फायदे सामाजिक और मानसिक विकास को बढ़ाने में सहायक तनाव कम होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है बच्चे की बेहतर नींद में मदद करती है विकलांग बच्चों की जिंदगी में सुधार करती है नवजात शिशु की मालिश शुरु करने से पहले की जरूरी बातें नवजात बच्चे की मालिश कैसे करें नवजात शिशु की मालिश कब तक करनी चाहिए नवजात शिशु की मालिश के लिए जरूरी टिप्स बच्चे की मालिश के डॉक्टर

मालिश के बाद शिशु अच्छी नींद ले पाते हैं। नींद लेने के दौरान मांसपेशियां तेजी से विकसित होने लगती हैं, जिससे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार आता है। सोने से पहले शिशुओं की मालिश करने से उनके शरीर अधिक मात्रा में मेलाटोनिन उत्पन्न होता है, मेलाटोनिन को नींद को नियंत्रित करने वाला हार्मोन माना जाता है।

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इसके बाद आप अपने लिंग को अपने हाथों में पकड़ें और हाथ को ऊपर-नीचे करें। ऐसा आप कुछ समय तक करें। इस समय आप उत्तेजित हो सकते हैं, लेकिन आपको मास्टरबेशन नहीं करना है। अगर आप मास्टरबेशन करेंगे तो मालिश का कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए इस बात का ध्यान आप जरूर रखें।

पीठ पर वापस नीचे की तरफ बढ़ें और रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर की मांसपेशियों पर गूथने वाली विधि का प्रयोग करें। इन जगहों पर बहुत तनाव होता है, तो इन जगहों पर ज्यादा समय दें।

फिर जिसकी मसाज कर रहें हैं उसका हाथ वापस पलंग पर रख दें। अपनी अंगुली और अंगूठे का उपयोग करके बाजू और हाथ के ऊपर की तरफ आराम से जैसे आटा गुथने के समय करते है वैसे मसाज करें।

ज्यादा गहराई से टिशू पर काम करने की कोशिश न करें- ऐसा मसाज के थेरेपिस्ट को करने के लिए छोड़ दें। जिसकी मसाज कर रहें है उसको आराम मिले बस उतना ही काम करें।

और दूसरी बार आपको तौलिये की जरूरत अपने साथी या जिसकी भी मसाज करनी है उसे ढकने के लिए पड़ेगी। अच्छे से ज्यादा से ज्यादा हिस्से में मसाज हो सके इसके लिए उन्हें अपने शरीर से कपड़े कम करना होगा। तब आपको उन्हें तौलिये से ढकना होगा और इससे उन्हे गर्मी भी मिलेगी।

जब आपको तौलिया पकड़ने की जरूरत हो, या पानी पीना हो या मसाज करते समय और तेल की जरूरत हो, तब भी एक हाथ को पूरे समय त्वचा पर ही रहने दें।

उसके बाद आपको आलिव ऑइल को एक स्टील के बर्तन में तेज़ गर्म कर लेना है।

मसाज करने से शरीर के मुलायम उत्तक उत्तेजित होते हैं और रक्त व लिम्फाटिक प्रणाली से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं।

बच्चे की मालिश को कितनी बार करनी चाहिए, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। बच्चे को लंबे समय तक फायदे प्रदान करने के लिए आपको उसकी नियमित मालिश करनी चाहिए। अगर मालिश से बच्चे को कोई परेशानी का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उनसे नियमित मालिश करने के तरीकों के बारे में जानना चाहिए।

शिशु के जन्‍म के कुछ हफ्तों बाद आप मालिश करना शुरू कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको बच्‍चे के मूड का भी खास ख्‍याल रखना है। मसाज के समय पर शिशु शांत और सचेत होना चाहिए। मालिश करने का तरीका ऐसा न अपनाएं जो बच्‍चे को सहज महसूस करवाए।

रीढ़ की हड्डी और अन्य हड्डियों पर मसाज न करें: रीढ़ की हड्डी और अन्य हड्डियों को दबाये नहीं। इससे आप जिसकी मसाज कर रहे हैं उसे असहज महसूस होगा और इससे फायदा होने की बजाय नुकसान ज्यादा होगा।

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